मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का झाबुआ दौरा: पारंपरिक स्वागत और आत्मीय मिलन का साक्षी बना दोतड़ ग्राम
झाबुआ, 23 मई 2025(सम्यक दृष्टि न्यूज़ )
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज झाबुआ जिले के राणापुर तहसील के ग्राम दोतड़ पहुँचे, जहाँ उन्होंने भाजपा जिलाध्यक्ष श्री भानु भूरिया के पुत्र राजवीर के विवाह समारोह में भाग लिया। मुख्यमंत्री का यह दौरा न केवल एक सामाजिक समागम बना बल्कि जनसंपर्क और पारंपरिक सांस्कृतिक समृद्धि का परिचायक भी रहा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दोपहर में दोतड़ गाँव पहुँचे, जहाँ उनका पारंपरिक रूप से ढोल-नगाड़ों, फूल मालाओं और आदिवासी वेशभूषा में सजे ग्रामीणों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। इस आत्मीय स्वागत में ग्राम नल्दी बड़ी, भोयरा और गवसर के लोग भी शामिल हुए, जिन्होंने ढोल मांदल की थाप पर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से संवाद करते हुए उनकी संस्कृति, परंपराओं और आतिथ्य भावना की सराहना की।
वर-वधू को आशीर्वाद देने पहुंचे मुख्यमंत्री, कहा विवाह सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव विवाह समारोह में शामिल हुए और वर राजवीर भूरिया को नोतरा एवं उपहार भेंट कर आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विवाह केवल दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि दो परिवारों और संस्कृतियों का पावन मिलन होता है। उन्होंने नवविवाहित जीवन की शुभकामनाएँ दीं और उपस्थित परिजनों एवं जनप्रतिनिधियों से सौहार्दपूर्वक भेंट की।
महत्वपूर्ण गणमान्य अतिथि रहे उपस्थित
मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री महिला एवं बाल विकास विभाग सुश्री निर्मला भूरिया, कैबिनेट मंत्री श्री नागर सिंह चौहान, संभागायुक्त इंदौर श्री दीपक सिंह, आईजी श्री अनुराग, कलेक्टर श्रीमती नेहा मीना, डीआईजी श्री निमिष अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक श्री पद्म विलोचन शुक्ल तथा अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी इस समारोह में शामिल रहे।
ढोल-मांदल पर थिरके मुख्यमंत्री
विवाह समारोह के दौरान ढोल-मांदल की मनोहारी थाप पर मुख्यमंत्री भी थिरकते नजर आए। उन्होंने लोक संस्कृति में गहरी रुचि दिखाते हुए वहां उपस्थित ढोल-मांदल दलों को व्यक्तिगत रूप से सम्मानित किया और भेंट स्वरूप उपहार प्रदान किए। इस आत्मीयता ने ग्रामीणों के बीच एक खास स्थान बना लिया।
गोपालपुरा हेलीपेड पर स्वागत और विदाई
दोतड़ ग्राम से वापसी पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव गोपालपुरा हेलीपेड पहुँचे, जहाँ उनका पुनः भव्य स्वागत किया गया। उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट कर विदाई दी गई। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया, श्री नागर सिंह चौहान सहित प्रशासनिक अधिकारीगण उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री का पारंपरिक ढोल-मांदल की धुन पर स्वागत किया गया, जहाँ उन्होंने विशेष रूप से आदिवासी आभूषणों को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की।
पारंपरिक संस्कृति की सराहना
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में झाबुआ अंचल की सांस्कृतिक विरासत की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहाँ की आदिवासी परंपराएँ हमारी धरोहर हैं। उन्होंने ढोल मांदल की भूमिका को ग्रामीण संस्कृति की आत्मा बताया और इन लोक कलाकारों को संरक्षण और प्रोत्साहन देने की बात कही।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह दौरा प्रशासनिक नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक आधार पर जनमानस से सीधे जुड़ने का प्रयास रहा। एक ओर उन्होंने विवाह समारोह में भाग लेकर पारिवारिक आत्मीयता दिखाई, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण जीवन, लोककला और संस्कृति को आत्मसात करते हुए उनका अभिनंदन किया।
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