ग्रामीणों में दहशत का माहौल

कुएं का संदिग्ध पानी पीने से फैली बीमारी, एक दर्जन से अधिक ग्रामीण बीमार, एक बुजुर्ग की मौत

ग्राम भांमल में उपवास के दिन पीया था दूषित पानी, देर रात बिगड़ी तबीयतें, ग्रामीणों में दहशत का माहौल
पेटलावद (जितेश विश्वकर्मा की रिपोर्ट), 22 जून 2025

थांदला जनपद की ग्राम पंचायत भांमल में शनिवार की रात एक गंभीर स्वास्थ्य संकट खड़ा हो गया, जब गांव के एक दर्जन से अधिक लोग अचानक उल्टी-दस्त की चपेट में आ गए। संदिग्ध स्थिति में यह घटना उस समय सामने आई जब सभी पीड़ितों ने उपवास के दिन गांव में सप्लाई किया गया कुएं का पानी पिया था। रात होते-होते पीड़ितों की तबीयत बिगड़ने लगी और ग्रामीणों को आनन-फानन में पेटलावद एवं आसपास के अस्पतालों में ले जाना पड़ा।

उक्त घटना में 60 वर्षीय बुजुर्ग नाहरसिंह लालसिंह खेर की गांव में ही मौत हो गई, जिससे पूरे गांव में शोक और दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है। मृतक की तबीयत अचानक बिगड़ी और इलाज से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया।

पीड़ितों के परिजनों ने बताया कि शनिवार को ‘ग्यारस’ का पर्व होने के कारण अधिकतर लोगों ने दिनभर उपवास रखा था। ग्रामीणों ने भोजन नहीं किया था, लेकिन ग्राम पंचायत की ओर से जो पानी सप्लाई किया गया था, वह सभी ने पिया था। देर शाम से ही उल्टी-दस्त की शिकायतें शुरू हो गईं और रात होते-होते कई ग्रामीण बीमार हो गए।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीण खुद अपने वाहनों से बीमारों को लेकर पेटलावद अस्पताल पहुंचे। कुछ को पास के निजी अस्पतालों में भी भर्ती कराया गया।

सूचना मिलने पर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और अस्पताल में भर्ती पीड़ितों से चर्चा की। प्रारंभिक जानकारी में सामने आया है कि पीड़ितों ने वही पानी पिया था जो शनिवार को ग्राम पंचायत द्वारा गांव में सप्लाई किया गया था।

गांव में फैला दहशत का माहौल
ग्रामीणों के अनुसार, पानी में बदबू थी लेकिन किसी ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। उपवास के चलते किसी ने दिनभर कुछ खाया नहीं था, ऐसे में दूषित पानी ने तेजी से असर किया। जैसे-जैसे बीमारों की संख्या बढ़ी, गांव में दहशत फैल गई।

प्रशासन हुआ सक्रिय
मामले की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया। थांदला पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों और पीड़ितों से जानकारी ली। साथ ही पानी के नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव का दौरा कर पानी के स्रोतों की जांच शुरू कर दी है।

फिलहाल नियंत्रण में है स्थिति
प्रशासन का कहना है कि स्थिति अब नियंत्रण में है। अधिकांश मरीजों की हालत स्थिर है और उन्हें चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है। पानी के स्रोत की शुद्धता की जांच के बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा।

जांच और कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने इस घटना को लेकर नाराजगी जताई है और मांग की है कि ग्राम पंचायत द्वारा की गई पानी सप्लाई की जांच की जाए। यदि लापरवाही सामने आती है तो जिम्मेदारों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

यह घटना न केवल प्रशासनिक सतर्कता की आवश्यकता दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की गुणवत्ता को लेकर कितनी सजगता जरूरी है। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह घटना दूषित पानी के कारण हुई या कोई अन्य कारण रहा। फिलहाल गांव में एहतियात के तौर पर पानी उबालकर पीने की सलाह दी जा रही है

Dr.Talera's Multi-speciality Dental Clinic, Thandla 

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