हिंदी पत्रकारिता का महत्व और इतिहास

थांदला में हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर पत्रकारों का मिलन समारोह आयोजित

थांदला. (सम्यक दृष्टि न्यूज़) नगर में हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर एक पत्रकार मिलन समारोह का आयोजन किया गया, जिसकी पहल पत्रकार राजेश डामोर ने की। इस समारोह में समस्त पत्रकार अनमोल होटल पर शाम 4 बजे एकत्रित हुए। सभी ने एक दूसरे को हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर बधाई देते हुए ज्यादा से ज्यादा हिंदी भाषा का उपयोग करने की बात कही।

हिन्दी पत्रकारिता का इतिहास

हिन्दी पत्रकारिता का इतिहास काफी पुराना है। हिन्दी का प्रथम अखबार 'उदन्त मार्तंड' 30 मई 1826 को प्रकाशित हुआ था। इसका प्रकाशन पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने कलकत्ता से शुरू किया था। हालांकि यह अखबार ज्यादा दिन नहीं चला और 1827 में इसका प्रकाशन बंद कर दिया गया, लेकिन हिंदी पत्रकारिता के इतिहास में इसका एक महत्वपूर्ण स्थान है।

वरिष्ठ पत्रकारों का योगदान

समारोह में वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश भट्ट और डा. उमेश शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जिले की पत्रकारिता को नया आयाम देने में मामा बालेश्वर दयाल, कन्हैयालाल वैद्य आदि मूर्धन्य पत्रकारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इन पत्रकारों ने अपने लेखन और पत्रकारिता के माध्यम से देश की जनता को जागरूक करने और उनकी समस्याओं को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

पत्रकारिता की वर्तमान स्थिति

आज के समय में पत्रकारिता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। पत्रकारिता के माध्यम से जनता को जागरूक किया जा रहा है और उनकी समस्याओं को उजागर किया जा रहा है। जिले की पत्रकारिता भी काफी विकसित हुई है और पत्रकारों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है।

हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर आयोजित पत्रकार मिलन समारोह में पत्रकारों ने एक दूसरे को बधाई दी और हिन्दी भाषा के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा हिन्दी भाषा का उपयोग करने की बात कही और जिले की पत्रकारिता को नया आयाम देने में वरिष्ठ पत्रकारों के योगदान को याद किया। समारोह में उपस्थित सभी पत्रकारों ने जिले की पत्रकारिता को और मजबूत बनाने के लिए काम करने का संकल्प लिया।  

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