ज्योति कलश रथ यात्रा पहुँची पेटलावद, विश्व शांति और मानव कल्याण का संदेश गूंजापेटलावद (जितेश विश्वकर्मा)
गायत्री परिजनों ने किया भव्य स्वागत
यात्रा का क्षेत्र में प्रवेश सबसे पहले कोदली ग्राम में हुआ, जहां स्थानीय गायत्री परिजनों और ग्रामीणों ने यात्रा का स्वागत किया। इसके बाद रथ यात्रा ग्राम रूपगढ़ से होते हुए पेटलावद नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरी और अंततः गायत्री शक्तिपीठ पहुंची।
शक्तिपीठ में ज्योति कलश की विधिवत पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान दर्शन करने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा। बड़ी संख्या में महिलाओं, युवाओं और बच्चों ने गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हुए पुष्प वर्षा की। आरती और भजनों के साथ वातावरण आध्यात्मिक रंग में रंग गया। जगह-जगह “हम सुधरेंगे युग सुधरेगा, हम बदलेंगे युग बदलेगा” जैसे नारों से माहौल गूंजायमान हो उठा।
अखंड दीपक की शताब्दी के उपलक्ष्य में यात्रा
गायत्री परिवारजनों के अनुसार, यह रथ यात्रा हरिद्वार स्थित शांतिकुंज में 1926 से प्रज्वलित अखंड दीपक के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है। यह दीपक 2026 में शताब्दी वर्ष में प्रवेश करेगा। इसके अतिरिक्त गायत्री परिवार के संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्य की सहधर्मिणी और महान साधिका भगवती देवी शर्मा का शताब्दी वर्ष भी इस अवसर पर पूरे देश में विशेष आयोजनों के साथ मनाया जा रहा है।
इस रथ यात्रा का समापन बसंत पंचमी 2026 को होगा। इस अवधि में देशभर में लाखों परिजन इसमें सहभागी बनेंगे और दीप यज्ञ, प्रार्थना एवं जागरण के माध्यम से समाज में सद्भाव और जागरूकता का संदेश फैलाएंगे।
यात्रा कार्यक्रम और विशेष आयोजन
1 सितंबर को पेटलावद में प्रवेश करने के बाद यात्रा का पहला रात्रि विश्राम रामगढ़ में हुआ। आने वाले दिनों में यह यात्रा क्षेत्र के विभिन्न गांवों से होकर गुजरेगी। प्रत्येक रात्रि विश्राम स्थल पर प्रातःकाल यज्ञ और सायंकाल दीप यज्ञ का आयोजन होगा।
यात्रा का विस्तृत कार्यक्रम इस प्रकार रहेगा –
- मंगलवार (2 सितम्बर): टेमरिया, करवड़, गंगाखेड़ी, घुघरी, माण्डन, मठमठ, सारंगी।
- बुधवार (3 सितम्बर): बरवेट, बावड़ी, डाबड़ी, मोहनपुरा, बोडायता।
- गुरुवार (4 सितम्बर): हमीरगढ़, देवली, पंचपीपलिया, बेकल्दा, बड़ा सलूनिया, जामली, रायपुरिया।
- शुक्रवार (5 सितम्बर): रामनगर, बनी, बोलासा, पीठड़ी, सेमरोड, गरवाखेड़ी, कुंभाखेड़ी, बिजोरी, झकनावदा।
लोगों में उत्साह और आस्था का संचार
यात्रा के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में गायत्री परिवार के सदस्यों के साथ-साथ बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक भी उत्साहपूर्वक शामिल हो रहे हैं। दीपयज्ञ और यज्ञ अनुष्ठानों में लोगों की आस्था और सहभागिता यह संदेश दे रही है कि समाज में सामूहिक प्रार्थना और सकारात्मक विचारों की शक्ति से बड़ा कोई साधन नहीं है।
गायत्री परिवार के कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज में स्वच्छता, सद्भावना, संयम और नैतिकता को बढ़ावा देने का अभियान है।
इस प्रकार पेटलावद अंचल में ज्योति कलश रथ यात्रा का आगमन आध्यात्मिक चेतना, शांति और सद्भाव का एक ऐतिहासिक अवसर बन गया।
Dr.Talera's Multi-speciality Dental Clinic, Thandla


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