गंभीर घायलों को सिविल अस्पताल भेजा गया, पुलिस मौके पर पहुंची
पेटलावद. (जितेश विश्वकर्मा)हादसे का मंजर और घायलों की हालत
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पिकअप में क्षमता से कहीं अधिक मजदूरों को ठूंस-ठूंसकर बैठाया गया था। हादसे के बाद कुछ मजदूर तो गाड़ी से गिरते ही सुरक्षित निकल भागे, लेकिन कई मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना मिलते ही ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे और तुरंत घायलों को बाहर निकालकर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की। वहीं गंभीर रूप से घायल 6 से 7 मजदूरों को एंबुलेंस की मदद से पेटलावद सिविल अस्पताल भेजा गया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रशासन को पहले से सूचना दे दी गई थी। वहां मौजूद चिकित्सकों की टीम ने घायलों का इलाज शुरू कर दिया है। कई मजदूरों की हालत नाजुक बताई जा रही है, जिन्हें रेफर करने की तैयारी भी की जा रही है।मजदूरों की संख्या पर संशय
पुलिस और ग्रामीणों के अनुसार पिकअप में कितने मजदूर सवार थे, इसकी सही जानकारी फिलहाल उपलब्ध नहीं हो पाई है। बताया जा रहा है कि वाहन में पुरुषों के साथ कई महिलाएं भी बैठी थीं। घटना के बाद कुछ मजदूर तुरंत मौके से चले गए, जिससे सही संख्या का पता नहीं चल पाया है। प्राथमिक अनुमान के अनुसार पिकअप में 25 से अधिक मजदूर बैठे हुए थे।
पुलिस की तत्काल कार्रवाई
हादसे की जानकारी मिलते ही सारंगी चौकी प्रभारी दीपक देवरे अपनी टीम के साथ तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि प्राथमिक जांच में वाहन अनियंत्रित होने से पिकअप के पलटने की जानकारी सामने आई है। फिलहाल घायलों को अस्पताल पहुंचाना प्राथमिकता है। पुलिस द्वारा वाहन चालक और मालिक की जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही यह भी जांच की जाएगी कि मजदूरों को असुरक्षित तरीके से ढोने की जिम्मेदारी किसकी है।
जिम्मेदारी और अनेक सवाल
यह हादसा कई सवाल खड़े करता है। आए दिन मजदूरों को पिकअप और अन्य मालवाहक वाहनों में ठूंसकर ले जाया जाता है। न तो इन वाहनों में बैठने की उचित व्यवस्था होती है और न ही सुरक्षा के कोई इंतजाम। परिणामस्वरूप मजदूरों की जान अक्सर जोखिम में रहती है। आज की घटना भी इसी लापरवाही का परिणाम मानी जा रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि मजदूरों की रोजी-रोटी का सवाल होता है, इसलिए वे ऐसे वाहनों में सफर करने को मजबूर होते हैं। लेकिन जिम्मेदार विभागों को इस पर सख्ती से ध्यान देना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।
धतुरिया–मोहनपुरा मार्ग पर हुआ यह हादसा न केवल कई परिवारों के लिए दुखदायी साबित हुआ है, बल्कि प्रशासन के लिए भी चेतावनी है। मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और ऐसे असुरक्षित परिवहन पर रोक लगाने की आवश्यकता है। फिलहाल घायल मजदूरों का इलाज सिविल अस्पताल पेटलावद में जारी है और पुलिस जांच में जुटी हुई है।
Dr.Talera's Multi-speciality Dental Clinic, Thandla



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