माही डेम का एक गेट खोला, नदी किनारे गांवों में अलर्ट जारीपेटलावद (जितेश विश्वकर्मा)
लगातार बारिश से बढ़ा जलस्तर
पिछले कई दिनों से झाबुआ अंचल और आसपास के क्षेत्रों में हो रही तेज बारिश के कारण बांध में पानी की आवक लगातार बनी हुई थी। सोमवार सुबह 8 बजे तक माही मुख्य बांध का जलस्तर 450.70 मीटर तक पहुंच गया। जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री विपिन पाटीदार ने जानकारी दी कि पानी का स्तर तेजी से बढ़ रहा था, इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से गेट खोलकर अतिरिक्त पानी को नदी में प्रवाहित करना आवश्यक हो गया।
गांवों में मुनादी कर ग्रामीणों को सतर्क किया गया
माही नदी किनारे बसे गांवों को सतर्क करने के लिए प्रशासन ने तुरंत कदम उठाए। संबंधित गांवों में पटवारी, सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक को निर्देशित किया गया कि वे मुनादी कर ग्रामीणों को नदी के किनारे गतिविधियां न करने की चेतावनी दें। विशेष रूप से बच्चों, पशुपालकों और मछुआरों को नदी के पास न जाने की समझाइश दी जा रही है।
आपदा प्रबंधन टीम की तैनाती
नदी में छोड़े जा रहे पानी के कारण किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन दल को भी बांध के पास तैनात किया गया है। यह टीम लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है। टीम का मुख्य उद्देश्य है कि जैसे ही जलस्तर में और वृद्धि होती है या अतिरिक्त गेट खोले जाते हैं, ग्रामीणों को तुरंत सूचित किया जाए और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके।
प्रशासन ने ग्रामीणों से की अपील
प्रशासन ने माही नदी से लगे सभी गांवों के लोगों से अपील की है कि वे नदी किनारे खेतों में काम न करें और न ही मछली पकड़ने या स्नान करने जाएं। अचानक पानी का बहाव बढ़ सकता है, जिससे जनहानि या पशुहानि की संभावना रहती है। साथ ही किसानों को सलाह दी गई है कि वे नदी के किनारे लगे मोटर पंप और कृषि उपकरण सुरक्षित स्थान पर ले जाएं।
बरसात का मौसम और बांध की स्थिति
माही बांध क्षेत्र में हर साल मानसून के दौरान पानी की आवक तेज हो जाती है। इस बार अगस्त के अंतिम सप्ताह से शुरू हुई लगातार बारिश के कारण बांध का जलस्तर सामान्य से अधिक तेजी से बढ़ा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बारिश का यही क्रम जारी रहा तो आने वाले दिनों में बांध के और गेट खोले जा सकते हैं। ऐसे में ग्रामीणों को पूरी तरह सतर्क रहना जरूरी है।
जनसहयोग पर जोर
प्रशासन और जल संसाधन विभाग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए सरकारी इंतजाम पुख्ता हैं, लेकिन जनसहयोग सबसे बड़ी ताकत है। यदि ग्रामीण समय रहते चेतावनी का पालन करेंगे और प्रशासन के निर्देशों को मानेंगे, तो किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सकेगा। माही डेम का गेट खुलने के साथ ही पेटलावद अंचल और आसपास के ग्रामीण इलाकों में अलर्ट का माहौल है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीम लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और लोगों से अपील कर रही है कि वे पूरी सावधानी बरतें और नदी से दूरी बनाए रखें।
Dr.Talera's Multi-speciality Dental Clinic, Thandla


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