झाबुआ और थांदला में गूंजा तिरंगे का जयघोष
रैली में शामिल दर्जनों वाहन तिरंगे और देशभक्ति संदेशों से सजे थे। यह काफिला पुलिस लाइन से रवाना होकर राजगढ़ नाका, राजवाड़ा, छतरी चौक, जेल चौराहा होते हुए पुनः पुलिस लाइन झाबुआ पहुंचा। रास्ते भर नागरिकों ने रैली का स्वागत किया, बच्चों ने हाथ हिलाकर देशभक्ति का जोश प्रदर्शित किया और युवाओं ने ‘भारत माता की जय’ के उद्घोष से वातावरण को गूंजायमान कर दिया।
रैली के दौरान स्वच्छता का संदेश भी प्रमुख रहा। विभिन्न बैनरों और पोस्टरों पर लिखा था – “स्वच्छ भारत, सशक्त भारत”, “स्वच्छता ही देशभक्ति है”, “कचरा डस्टबिन में डालें, तिरंगे का मान बढ़ाएं”। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस रैली का उद्देश्य केवल राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान का संदेश देना ही नहीं था, बल्कि लोगों में स्वच्छता, एकता और अखंडता के प्रति जागरूकता भी फैलाना था।
थांदला में विशाल तिरंगा यात्रा झाबुआ के बाद देशभक्ति की लहर थांदला में भी देखने को मिली। यहां “हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता, स्वतंत्रता का उत्सव, स्वच्छता के संग” अभियान के अंतर्गत एक विशाल तिरंगा यात्रा का आयोजन हुआ। यह महारैली विशेष रूप से महिला शक्ति और भारतीय सेना के शौर्य को समर्पित थी।
रास्ते में कई स्थानों पर स्थानीय नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर प्रतिभागियों का स्वागत किया। विद्यार्थी ‘स्वच्छ भारत मिशन’ और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के नारे लगाते हुए आगे बढ़ते रहे। महिला समूहों ने पारंपरिक परिधान में यात्रा में भाग लेकर महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया।
दोनों नगरों में एक ही संदेश – देशभक्ति और स्वच्छता
झाबुआ की वाहन रैली और थांदला की तिरंगा यात्रा, दोनों ही आयोजनों में एक बात समान रही – देशभक्ति का जज्बा और स्वच्छता का संकल्प। लोगों ने यह महसूस किया कि स्वतंत्रता का सही अर्थ तभी है जब देश स्वच्छ, सुरक्षित और एकजुट हो।
वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने संबोधन में कहा कि तिरंगा केवल एक ध्वज नहीं, बल्कि हमारे स्वाभिमान, त्याग और एकता का प्रतीक है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे न केवल स्वतंत्रता दिवस के दिन, बल्कि वर्षभर स्वच्छता और देशभक्ति के संकल्प को बनाए रखें।
जनभागीदारी ने बनाया आयोजन को सफल
दोनों स्थानों पर नगर के वरिष्ठ अधिकारी, सामाजिक संगठन, स्कूली विद्यार्थी, शिक्षक, महिला समूह और आम नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद रहे। झाबुआ में जहां पुलिस और वन विभाग का विशेष योगदान रहा, वहीं थांदला में शिक्षा विभाग और सामाजिक संस्थाओं की सक्रिय भूमिका दिखी।
थांदला के मुख्य मार्गों – आजाद चौक, मुख्य बाजार, गांधी चौक – पर बड़ी संख्या में लोग रैली को देखने और उसमें शामिल होने के लिए पहुंचे। तिंरगा यात्रा रैली का समापन स्थानीय नई मंडी पर हुआ। झाबुआ में भी राजवाड़ा और छतरी चौक पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
झाबुआ और थांदला में आयोजित ये रैलियां इस बात का प्रमाण हैं कि जब समाज के सभी वर्ग एक साथ आते हैं, तो कोई भी संदेश—चाहे वह स्वच्छता का हो या देशभक्ति का—जन-जन तक प्रभावी ढंग से पहुंच सकता है।
Dr.Talera's Multi-speciality Dental Clinic, Thandla



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