नगर में उल्लास और उत्सव का माहौल

थांदला में गुड़ी पड़वा पर भव्य प्रभात फेरी एवं नीम के शरबत की प्रसादी का आयोजन 

30 मार्च 2025 

थांदला. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के शुभ अवसर पर नगर में गुड़ी पड़वा का पर्व अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। हिन्दू नववर्ष का स्वागत करने के लिए नगर में विशेष आयोजन किए गए, जिनमें युवा रामायण मंडल द्वारा प्रमुख रूप से प्रभात फेरी निकाली गई, जिससे नगर में उल्लास और उत्सव का माहौल व्याप्त हो गया।

प्रभात फेरी से गूंजा नगर

हिन्दू नववर्ष के स्वागत में भव्य प्रभात फेरी का आयोजन प्रभात फेरी के रूप में प्रातः 6 बजे नगर के बड़े रामजी मंदिर से प्रारंभ हुई, जहां पहले भव्य आरती और पूजन किया गया। इसके बाद सैकड़ों श्रद्धालु प्रभात फेरी में शामिल हुए और पूरे नगर में भ्रमण किया। हिंदू नव वर्ष पर प्रभात फेरी का यह 27 वा वर्ष निरंतर है लगातार 9 दिन चलने वाली इस प्रभात फेरी का समापन रामनवमी को होगा।

प्रभात फेरी में शामिल श्रद्धालु हाथों में भगवा ध्वज और धर्म ध्वज लिए हुए थे। पूरा नगर ‘जय श्रीराम, ‘गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो राधा रमन हरि गोविंद बोलो’ जैसे नारों से गूंज उठा। नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरती हुई यह फेरी मठवाला कुआं माताजी मंदिर पर पहुंचकर माताजी की 101 दीपक से सामूहिक रूप से आरती की गई। उसके पश्चात् सूर्य भगवान को जल अर्पण किया गया। 


हिंदू नववर्ष पर विभिन्न संगठनों ने दी शुभकामनाएं

हिंदू नववर्ष के पावन अवसर पर हनुमान अष्ट मंदिर के अध्यक्ष अशोक अरोड़ा, महर्षि दयानंद सेवाश्रम के अध्यक्ष विश्वास सोनी, वीर तेजाजी मंडल अध्यक्ष लक्ष्मण राठौर, गायत्री परिवार से अंतर सिंह रावत, नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि सुनील पड़दा, श्री राम शरणम् एवं पेंशनर्स एसोसिएशन की ओर से जगमोहन सिंह राठौड़, पतंजलि परिवार की ओर से नीरज भट्ट, भक्त मलूकदास रामायण  मंडल संयोजक किशोर आचार्य, पत्रकार संघ से अक्षय भट्ट, विश्व हिंदू परिषद की ओर से भूषण भट्ट, राष्ट्रीय सेवक संघ के कैलाश आचार्य एवं राष्ट्रीय सेवीका संघ की टुन्ना भट्ट ने शुभकामनाएं प्रेषित कीं। प्रभात फेरी वापस राम मंदिर पहुंचकर समाप्त हुई।

गुड़ी पड़वा का महत्व

गुड़ी पड़वा को हिन्दू नववर्ष का आरंभ माना जाता है। यह दिन प्रकृति, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक होता है। गुड़ी पड़वा मुख्य रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन अब यह पूरे भारत में उत्साहपूर्वक मनाया जाने लगा है। इसे विक्रम संवत का प्रथम दिन भी माना जाता है।

नीम के शरबत की प्रसादी का वितरण

हिंदूधर्म में गुड़ी पड़वा के दिन नीम के शरबत का सेवन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन नीम के पत्तों का सेवन करने से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है और नववर्ष में शुभता बनी रहती है। आयुर्वेद के अनुसार, नीम में कई औषधीय गुण होते हैं, जो शरीर को शुद्ध करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में सहायक होते हैं।

इस परंपरा को निभाते हुए थांदला नगर में बड़े रामजी मंदिर पर नीम के शरबत की प्रसादी वितरित की गई। श्रद्धालुओं ने पूरे श्रद्धाभाव से इस प्रसादी को ग्रहण किया।

नीम के शरबत का भी वितरण विधिवत किया गया, नगर के युवाओं और स्वयंसेवकों ने इस कार्य में विशेष योगदान दिया। उन्होंने स्वयं अपने हाथों से श्रद्धालुओं को शरबत परोसा और इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

समापन एवं मंगलकामनाएँ

थांदला में गुड़ी पड़वा का पर्व श्रद्धा, भक्ति और आनंद के साथ मनाया गया, जिसमें प्रभात फेरी, नीम के शरबत की प्रसादी और धार्मिक अनुष्ठानों का विशेष आकर्षण रहा। 

इस शुभ अवसर पर पूरा नगर भक्ति, उल्लास और आध्यात्मिकता से सराबोर रहा। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व को दर्शाने वाला था, बल्कि नगरवासियों की एकता और सामाजिक समरसता का प्रतीक भी बना। हिन्दू नववर्ष के इस भव्य स्वागत से नगर में उत्साह और सकारात्मकता का वातावरण बना।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का संचालन धवल अरोड़ा ने किया, आभार विपुल आचार्य ने व्यक्त किया

Dr.Talera's Multi-speciality Dental Clinic, 

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