मंगल, केतु, राहु, शनि कोई भी ग्रह किसी को परेशान नही करते है, किसी को दुख नही देते है

करही, 4.8.2022


व्यक्ति के जीवन में दुख आता है, विपत्ति आती है तो उसे वास्तु दोष, पितृ दोष, ग्रह दोष सब दिखते है अरे भाई ये किसी और का नही सिर्फ तेरे कर्मो का दोष है और जीव को यह नही दिखता, तभी तो भटक रहा है: परम् पूज्य श्री गुलाबमुनिजी म.सा.

व्यक्ति के जीवन में दुख आता है, विपत्ति आती है तो उसे वास्तु दोष, पितृ दोष, ग्रह दोष सब दिखते है अरे भाई ये किसी और का नही सिर्फ तेरे कर्मो का दोष है और जीव को यह नही दिखता, तभी तो भटक रहा है। 

मंगल, केतु, राहु, शनि कोई भी ग्रह किसी को परेशान नही करते है, किसी को दुख नही देते है। 
तुम ही पिछले भवों में किसी को आर्थिक, मानसिक, शारीरिक दुख देकर आये हो तो तुम्हें यहाँ भुगतना ही पड़ेगा। 
ज्योतिष तो एक गणित है बाकी कुछ नही और बाबा बाबिया ज्योतिष के नाम पर सब दुकानदारी चला रहे है।  
उक्त विचार प्रखर वक्ता पूज्य गुरुदेव श्री गुलाबमुनिजी महाराज साहब द्वारा करही के अणु नगर स्थित स्थानक भवन पर धर्मसभा में व्यक्त किये गए। 

गुरुदेव फरमाया कि किसी के कर्म को बदलने की क्षमता किसी भी माइकेलाल में नहीं है जब भगवान स्वयं को कर्म भोगने पड़े तो तुम किस खेत की मूली हो।
एक ही स्थान, एक ही दिन एक ही समय पर राजा और भंगी के यहाँ लड़के हुए। जन्म कुंडली तो दोनों की एक समान ही बनेगी लेकिन दोनों राज करेंगे या दोनों सफाइ कार्य करेंगे, नही न, क्योकि कुंडली तो एक है लेकिन उनके कर्मों का बहुत बड़ा अंतर है और यही तो तुम्हें समझना होगा। 

जन्म एक घटना है, जीवन एक कला है और मृत्यु एक साधना है और जिसे जीवन जीना नहीं आया तो उसका जन्म लेना व्यर्थ है। 
जन्म हो गया यह घटना है हो गयी, अब जीवन जीना कैसे ? जन्म और मृत्यु के बीच का समय अनिश्चित है। 
घर से शमशान तक के बीच का पड़ाव है जीवन, इसे किस रूप में निकालना। जीवन जीने की कला आ गयी तो तो जीवन में शांति हो जाएगी, दशा व दिशा दोनों बदल जाएंगे। 

जीवन की आधारशिला सांस है और सांस से ही जीवन टिका है वही समाज की आधारशिला विश्वास है। 
ट्रेन में बैठे एक हजार लोगों को विश्वास है कि ड्राइवर हमे हमारी मंजिल तक पहुँचा ही देगा, वही व्यापार में यदि नुकसान होता है तो उसे बंद नही करते क्योकी विश्वास होता है कि आज नुकसान हुआ तो कल फायदा भी होगा, नाई पर विश्वास है कि वो तुम्हारे बाल ही कटेगा गला नही, लेकिन धर्म पर मजबूत विश्वास नही रखते। 
एक सामायिक की और ग्राहक निकल गया तो 10 बार सोचते हो ओहो ग्राहक चले गए। अरे भाई जो तेरा है वह कही नही जाएगा और जो तेरा नही है वह आकर भी लौट जाएगा। हम पर भी विश्वास रखो हम भी तुम्हे सुखी बनाने ही आये है। धर्म पर श्रद्धा करो, विश्वास रखो परिणाम सुखद ही आएंगे। 

जब तक जीवन मे दुसरो से शिकायत बनी रहेगी तब तक जन्म मरण चालू है, और शिकायत से बचना ही जीवन जीने की कला है।जीव का सारा परिग्रह, धन दौलत सभी यही छूट जाएगा सिर्फ पूण्य व धर्म उसके साथ अगले भव भी जाएगा और दुख के समय यही ढाल का काम करेगा। लक्खण बदल लो घर मे शांति के साथ गति भी सुधर जाएगी। 

मन से सद् भाव, वचन से सद् वचन और काया से सद् व्यवहार करेंगे तो कभी भी मृत्यु नहीं बिगड़ेगी और यही जीवन जीने की कला भी है।
जिनवाणी अनुरूप चलेंगे तो यहाँ भी आनंद और वहां भी आनंद।

उक्त प्रवचन प्रखर वक्ता, प्रवचन प्रभावक, संयम सुमेरु, जन-जन की आस्था के केंद्र  परम् पूज्य गुरुदेव श्री गुलाब मुनि जी महाराज साहब के करही के सफलतम चातुर्मास 2022 के प्रवचनों से साभार

संकलंकर्ता:-
✍🏻विशाल बागमार - 9993048551
डा. निधि जैन - 9425373110


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