नगर में आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या लोगों के लिए सिरदर्द और जान का खतरा बन गयी है

नगर परिषद की लापरवाही से  आवारा जानवर दिन पे दिन बढ़ रहे हैं।

थांदला. नगर में इन दिनों आवारा पशुओं की कॉफी भरमार है ऐसा कोई वार्ड नहीं है जहां आवारा पशुओं की भरमार न हो लगभग 100 से 150 आवारा पशुओं ने आवागमन को बाधित कर रखा है इनमें लगभग दस आवारा सांडो का झुंड नगर मे घूम रहा है जो आपस में लड़ते हुए कई वाहनों को  क्षतिग्रस्त कर राहगीरों को घायल कर रहे है। 

सड़क और सार्वजनिक स्थलों पर मंडराते आवारा पशु लोगों की जान के लिए खतरा बन गए हैं। 

 नगर में आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या लोगों के लिए सिरदर्द और जान का खतरा बन गयी है। मैन रोड़ ही नहीं बल्कि हर गली मोहल्ले में आवारा पशुओं का आतंक है। जिम्मेदार अधिकारियों ने आंखों पर पट्टी बांध रखी है। ऐसे में कभी किसी के साथ हादसा हुआ तो फिर जिम्मेदारों को जवाब देना भारी पड़ेगा। 

नगर में सबसे ज्यादा आवारा सांड, गाय व कुत्ते हैं। नगर में कुछ लोगों ने गाय पाल रखी हैं, लेकिन अधिकांश लोग दूध निकालने के बाद गायों को डंडा मारकर सड़क पर इधर-उधर चारे के लिए मुंह मारने को छोड़ देते हैं। सड़क और सार्वजनिक स्थलों पर मंडराते आवारा पशु लोगों की जान के लिए खतरा बन गए हैं। सांडों का आतंक इस कदर है कि लोग बाजारों में आने से भयभीत हैं। इसी प्रकार गली मोहल्लों में भी आवारा पशुओं का जमावड़ा रहता है। आवारा पशु झुंड में रहते हैं जो किसी पर अटैक करें तो बचना मुश्किल है। दूसरी ओर कुत्तों का आंतक हर गली मोहल्ले में है। इधर लोगों का कहना है कि नगर में बढ़ते आवारा पशु लोगों की जान के लिए बड़ा खतरा है। 

देखे विडिओ, पीपली चौराहे पर सांडो ने मचाया कैसा आतंक

गुरुवार दिनांक 6 मई रात्रि 10 बजे पीपली चौराहे पर सांडो को लड़ते देख नगर के युवाओं ने उन पर पानी डालकर लकड़ी से भगाया।

आवारा पशुओं को पकड़कर कांजी हाऊस, गोशाला या जंगल में छोड़ने की ड्यूटी नगर परिषद की है लेकिन नगर परिषद की लापरवाही से नगर में आवारा जानवर दिन पे दिन बढ़ रहे हैं।



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