कफ सिरप से हुई मौतों के बाद झाबुआ प्रशासन अलर्ट मोड में, मेडिकल स्टोर्स पर सघन जांच अभियान
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| मेडिकल स्टोर्स पर औचक निरीक्षण करते औषधि निरीक्षक गीतम पाटोदिया |
थांदला क्षेत्र में श्री राम फार्मा झाबुआ, नव ज्योति मेडिकल स्टोर, नवल श्री मनीष मेडिकल, अणु ज्योति मेडिकल एजेंसी सहित अन्य प्रतिष्ठानों पर सघन जांच की गई। निरीक्षण के दौरान मेडिकल संचालकों को शासन द्वारा जारी एडवाइजरी और निर्धारित नियमों की जानकारी भी दी गई।
औषधि निरीक्षक गीतम पाटोदिया ने बताया कि अब तक जिले में किसी भी मेडिकल स्टोर पर प्रतिबंधित सिरप नहीं पाया गया है। फिर भी सुरक्षा की दृष्टि से आने वाले दिनों में औचक निरीक्षण जारी रहेंगे ताकि किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो सके।
गौरतलब है कि छिंदवाड़ा में कथित रूप से जहरीली कफ सिरप पीने के बाद बच्चों में किडनी संक्रमण तेजी से फैला था, जिससे 16 बच्चों की मौत हो गई थी। इस दर्दनाक घटना के बाद प्रदेशभर में स्वास्थ्य और औषधि विभाग अलर्ट मोड पर हैं।
भारत में औषधि गुणवत्ता नियंत्रण की जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से निम्नलिखित संस्थाओं पर होती है
दवा निर्माता कंपनियाँ जिन्हें निर्माण मानकों का कड़ाई से पालन करना होता है।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) — जो परीक्षण, मंजूरी और गुणवत्ता मानकों की निगरानी करता है।राज्य औषधि नियंत्रण संगठन — जो बाजार में उपलब्ध दवाओं की नियमित सैंपलिंग, ऑडिट और कार्रवाई करता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ये सभी संस्थाएँ पारदर्शिता और ईमानदारी से अपना कार्य करें तो जहरीली और निम्न गुणवत्ता वाली दवाइयों का बाजार में आना लगभग असंभव हो जाता है।
Dr.Talera's Multi-speciality Dental Clinic, Thandla



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