गाय का दूध अमृत के समान है

भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन आचार्य देवेंद्र शास्त्री ने गोवर्धन पूजा की दिव्य कथा विस्तार पूर्वक सुनाई

बरसाना होली प्रसंग पश्चात भागवत जी की आरती हुई  मंगलवार को रुक्मिणी विवाह हुआ


झाबुआ जिले के रायपुरिया ग्राम में बसंतीलाल मालवीय परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन आचार्य देवेंद्र शास्त्री ने गोवर्धन पूजा की दिव्य कथा विस्तार पूर्वक सुनाई। इसे सुनकर श्रद्धालु भक्त भाव विभोर हो गए। कथा व्यास ने बाल कृष्ण की अनेकों लीलाओं का वर्णन करने के पश्चात गोवर्धन पूजा व इंद्र के मान मर्दन की दिव्य कथा का सार बताया। इस अवसर पर भगवान गिरिराज जी महाराज के समक्ष सुंदर छप्पन भोग के दर्शन कराए गए।

उन्होंने कहा कि जहां सत्य व भक्ति का समन्वय होता है। वहां भगवान का आगमन अवश्य होता है। गाय की सेवा का महत्व को समझाते हुए बताया कि प्रत्येक हिन्दू परिवार में गाय की सेवा अवश्य होनी चाहिए। क्योंकि गाय में 33 करोड़ देवी.देवताओं का वास होता है। गाय का दूध अमृत के समान है। गोवर्धन भगवान की पूजा सभी भक्तों को आचार्य द्वारा विधि विधान से कराई गई। कथा व्यास ने संगीत की मधुर स्वर व भजनों पर भक्त जमकर झूमें।

कथा के पांचवें दिन भगवान गोवर्धन की पूजा की गई। कथा स्थल पर गोवर्धन पर्वत का सांकेतिक निर्माण किया गया। उसे आकर्षक ढंग से सजाकर 56 भोग की सामग्री अर्पित की गई। भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठा कर गोकुल धाम की रक्षा की। गोवर्धन पूजा के बाद बरसाना की फूलों की होली खेली गई, जिसके दर्शन कर पूरा पांडाल कृष्ण कन्हैया लाल के जयकारों से गूंज उठा । बरसाना होली प्रसंग पश्चात भागवत जी की आरती हुई । मंगलवार को रुक्मिणी विवाह हुआ। पांचवें दिन आचार्य श्री से आशीर्वाद लेने वालों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सह विभाग कार्यवाहक आकाश चौहान,  भरतसिंह, धर्मराज पाटीदार, हिन्दुजागरण मंच के जिला सह सयोजक प्रकाश प्रजापत, शुभम पवार,  पुणे निवासी गौरव भाई माहेश्वरी, नारायण जाट, सुनील बसेर, नमन पडियार, शास्त्री अनिल त्रिवेदी मंदसौर, जुझार सिंह पाटीदार, रितेश निमजा, रजनीकांत शुक्ल, दिनेश सोलंकी, बद्रीलाल लाइनमेन थांदला, संजय बैरागी जामली, संजय उपाध्याय सारंगी प्रमुख रहे।

भागवत कथा में गुरुवार को हजारों भक्तों ने राधा-कृष्ण युगल सरकार के साथ फूलों की होली खेली। पंडाल में भक्तों ने एक दूसरे पर गुलाब के फूलों की वर्षा की। इत्र और गुलाबजल का छिड़काव किया गया। पूरा पंडाल राधा कृष्ण की भक्ति से सराबोर रहा और उसके पश्चात फिर भगवान की मां आरती कर छप्पन भोग का प्रसाद वितरित किया गया बड़ी श्रद्धा से श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया। कल कथा में भगवान श्रीकृष्ण और रूखमणी विवाह होगा।


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