समय किसी का इंतजार नही करता, निकालोगे तो निकल जायेगा, काटोगे तो कट जाएगा और सदुपयोग करोगे तो भव सुधर जाएगा
- पूज्य श्री गुलाबमुनिजी महाराज साहब
जीवन मे कभी किसी के साथ अनुकूल तो किसी के साथ प्रतिकूल, कभी किसी से मैत्री तो कभी किसी से दुश्मनी, ये सब अनंत काल से चला आ रहा है।
हमे यदि भव भ्रमण को समाप्त करना है, सुख शांति, समाधि चाहिए तो किसी को भी अपराधी मत मानो, किसी को भी दोषी व दुश्मन मत मानो, स्वयं के कर्मो के दोष को मानना पड़ेगा तभी भव भ्रमण समाप्त होगा।
उक्त विचार प्रखर वक्ता पूज्य गुरुदेव श्री गुलाबमुनिजी महाराज साहब ने करही के अणु नगर स्थित स्थानक भवन में व्यक्त किये।
गुरूदेव ने फरमाया की जिसके प्रति स्नेह व प्रेम है उसकी भूल नजर नही आती है उसका अपराध नजर नही आता।
यदि तुम्हारा 8 से 12 माह का पोता मस्ती करते करते तुम्हे लात मार दे जिससे तुम्हारा चश्मा भी टूट जाये और उसके कांच से आंखों के पास लग भी जाये तो भी तुम गुस्सा करोंगे क्या ? नही न, क्यो, क्योंकि मूल से ज्यादा ब्याज प्यारा है, वहाँ प्रेम व स्नेह है।
यदि तुम्हे सुखी होना है, शांति समाधि चाहिए तो सभी जीवों के प्रति प्रेम स्नेह व अपनत्व जागृत कर लो तो कोई दुश्मन नजर नही आएगा। एक भी दुश्मन रहा या एक के प्रति भी द्वेष रहा तो शांति भंग हो जाएगी, नींद नही आएगी। दांतो के बीच में यदि छोटा सा कण फंस जाए तो जुबान को तब तक शांति नही मिलेगी जब तक वो कण बाहर नही निकल जाए।
जीवन मे परस्पर मेल है तो संसार खेल है, और परस्पर मेल नही तो संसार एक जेल है।
राग और द्वेष करते जीव को अनंत काल हो गए लेकिन जब तक भाव परिवर्तन नही करोगे जीव की गति नही सुधरेगी क्योकि तुम चलोगे ट्रेन से तो कर्म चलेंगे प्लेन से।
गुरुदेव फरमाते है कि न्याय में एक पक्ष में उजाला और एक पक्ष में अंधेरा होता है, जबकि समाधान और समझौते में दोनों पक्षो में उजाला रहता है।
न्याय के चक्कर मे मत पड़ना क्या पता कौन सही और कौन गलत हो क्योकि आंखों से देखी और कानों से सुनी हुई बात भी असत्य हो सकती है।
न्याय की बात अदालत में ही होती है घर मे तो समाधान और समझौता ही होना चाहिए।
जीवन मे शांति से रहना है तो भूतकाल को भूल जाओ की किसने मेरे साथ क्या किया था।
उज्ज्वल भविष्य के लिए बुरे भूतकाल को भूलना जरूरी है क्योंकि बुरे भूतकाल को भूले बिना भविष्य उज्जवल होने वाला नही है।
व्यक्ति जिसे भूलना चाहिए उसे भूलता नही और जो नही भूलना चाहिए वह भूल जाता है। प्राणी मात्र पर दया व करुणा भाव रखो, किसी पर द्वेष नही रखना।
समय किसी का इंतजार नही करता, निकलोगे तो निकल जायेगा, काटोगे तो कट जाएगा और सदुपयोग करोगे तो भव सुधर जाएगा।


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