खिरकिया वालों का प्रेम लेकर यहां से जा रहे हैं

 खिरकिया *विहार* 25/3/23 

कर्म सिद्धांत का इतना बारिकी से चित्रण किया की सुनने वालों के रोगटे खड़े हो जाते थे 

प्रखर वक्ता प्रवचन प्रभावक जन-जन की आस्था के केंद्र  पूज्य गुरुदेव श्री गुलाब मुनि जी महाराज साहब, पूज्य श्री कैलाश मुनिजी महाराज साहब सेवाभावी पूज्य श्री अर्पित मुनिजी महाराज साहब का  खिरकिया से आज हरदा की ओर विहार हुआ। 13 दिनों के ठाठ बाट के बाद आज स्थानक भवन सुना हो गया पूज्य गुरु भगवंतो की ओजस्वी और प्रखर वाणी खिरकिया श्रीसंघ को अंदर तक हिला गई। परम् पूज्य गुरुदेव ने  कर्म सिद्धांत का इतना बारिकी से चित्रण किया की सुनने वालों के रोगटे खड़े हो जाते थे। बड़ी संख्या में लोग व्याख्यान में उपस्थित होते थे। प्रवचन इतने ह्रदय स्पर्शी होते थे कि प्रवचन पश्चात कई लोग आकर पूज्य  गुरुदेव से अपने कृत्य और भूलों  का प्रायश्चित मांगते। 

"जीव स्वयं ही अपने कर्मों का कर्ता  वीकर्ता और भोक्ता है" 

"पाप किसी का सगा नहीं होता पुण्य किसी को दगा नहीं देता"

"डरना हो तो पाप से डरो वरना किसी के बाप से भी मत डरो" 

आपके ये सिद्धांत लोगों मस्तिष्क में छाप छोड़ गए हैं। आज सूर्योदय पश्चात श्री संघ के श्रावक श्राविका अनुज्ञा तथा विहार सेवा के लिए धर्म स्थानक में पहुंचे, अनुज्ञा पश्चात पूज्य गुरुदेव  श्री ने सभी को प्रत्याख्यान करवाए नवकार मंत्र जाप के पश्चात भरे ह्रदय से श्राविकाओं ने विदाई गीत गाया।

विदाई उद्बोधन स्वरुप परम्  पूज्य गुरुदेव  श्री गुलाब मुनिजी महाराज साहब ने फरमाया दो चीजें कभी भी आ सकती है प्रेम और मौत। मौत आती है तो धड़कन ले जाती है और प्रेम आता है तो दिल ले जाता है हम आप खिरकिया वालों का प्रेम लेकर यहां से जा रहे हैं आगे जैसा भी अवसर।

प्रातः लगभग 7:00 बजे पूज्य श्री ने खिड़कियां से मांदला की ओर 13 किलोमीटर का विहार किया।  श्री संघ के लगभग 100 सदस्य पूज्य श्री के साथ विहार सेवा में थे। शाम को कांकरिया की तरफ विहार की संभावना है। कल प्रातः काल कांकरिया से हरदा की ओर विहार की संभावना है।

 संकलनकर्ता🖋️ रश्मि श्री श्रीमाल  8602205766

डा. निधि जैन 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

". "div"