मध्यप्रदेश में दिसंबर महीना भले ही 10 साल में सबसे गर्म रहा, लेकिन नया साल ठंड लेकर आएगा। मौसम विभाग की मानें तो अगले 24 घंटों में मौसम बदल जाएगा

  



मध्यप्रदेश में दिसंबर महीना भले ही 10 साल में सबसे गर्म रहा, लेकिन नया साल ठंड लेकर आएगा। मौसम विभाग की मानें तो अगले 24 घंटों में मौसम बदल जाएगा। इस दौरान मावठा गिरेगा। इसकी एंट्री जबलपुर से होगी। यह भोपाल के पास तक एक्टिव रह सकता है। ग्वालियर-चंबल में रात का पारा 5 डिग्री के नीचे, तो इंदौर और भोपाल में यह 9 डिग्री तक आ सकता है। मौसम वैज्ञानिक एसएन साहू ने बताया कि ईस्ट एमपी में पानी गिर सकता है। अगर स्ट्रांग सिस्टम बनता है, तो तापमान में तेजी से गिरावट होगी।

प्रदेश के यह इलाके भीगने से बढ़ेगी ठंड

मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि प्रदेश में 5 और 6 जनवरी को बारिश के आसार हैं। जबलपुर, नर्मदापुरम और बैतूल और आसपास के इलाकों में दो दिन बारिश हो सकती है। ऐसे में प्रदेश में इसका असर ठंड के रूप में नजर आएगा। अधिकांश इलाकों में तापमान 10 डिग्री के नीचे आ सकता है। ग्वालियर, चंबल, बुंदेलखंड, बघेलखंड और महाकौशल में पारा 7 से नीचे जा सकता है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन और नर्मदापुरम में तापमान 9 डिग्री से नीचे आ सकता है।

आज से इन इलाकों में कोहरा

रविवार से प्रदेश के कई इलाकों में हल्का से मध्यम कोहरा रह सकता है। यह नाॅर्थ मध्यप्रदेश में प्रभावी रहेगा। मुख्य रूप से ग्वालियर, चंबल और खजुराहो में दो-तीन दिन कोहरा रहेगा। भोपाल, इंदौर समेत अन्य इलाकों में सुबह और शाम को हल्की धुंध रह सकती है।

तापमान में होगी गिरावट

मध्यप्रदेश में आज यानि रविवार से न्यूनतम तापमान में गिरावट होगी। भोपाल में रात का तापमान 9 डिग्री तक आ सकता है, तो इंदौर में यह 12 डिग्री तक रह सकता है। अधिकांश इलाकों में रात का पारा 12 से कम रहेगा। तीन दिन तक तापमान में गिरावट रहेगी। उसके बाद तीन दिन तक न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी होगी।

सिस्टम मजबूत हुआ तो पारा 4 डिग्री तक आएगा

अगर पश्चिमी विक्षोभ बहुत स्ट्रांग होता है, तो ओले भी गिर सकते हैं। ऐसे में ठंड ज्यादा पड़ सकती है। कई इलाका में तापमान 4 डिग्री तक जा सकता है, लेकिन यह संभावना पश्चिमी विक्षोभ पर निर्भर करेगी। अभी तीन दिन भोपाल में 8-9 डिग्री तापमान आ जाएगा।

नॉर्थ इस्टरली विंड के कारण ठंड

नाॅर्थ इस्टरली विंड के कारण ठंड बढ़ सकती है। नॉर्थ में बर्फबारी होती है, तो यह फिर स्ट्रांग हो जाने से तापमान में भारी गिरावट हो सकती है। अभी उत्तर में बहुत ज्यादा बर्फबारी नहीं होने के कारण सिस्टम स्ट्रांग नहीं हो पा रहे।

नमी नहीं होने के कारण ठंड नहीं पड़ रही

सिस्टम तो लगातार आ रहे हैं, लेकिन यह बहुत मजबूत नहीं है। इनकी ऊंचाई और फैलाव ज्यादा नहीं है। इसी कारण हिमालय में बर्फबारी नहीं होने के कारण वहां से आने वाली हवाएं शुष्क हैं। इनमें नमी नहीं होने से यह उत्तर के मैदानी इलाकों में तो ठंड ला रही हैं, लेकिन मध्यप्रदेश तक इसका असर नहीं पड़ रहा है। ग्वालियर-चंबल में ठंड है, लेकिन यहां भी बहुत ठंड नजर नहीं आ रही।

10 साल में सबसे गर्म रहा दिसंबर महीना

मध्यप्रदेश में 10 साल में पहली बार ऐसा रहा, जब दिसंबर में सर्दी नहीं रही। लोगों को इस बार दिसंबर में भी पंखे का सहारा लेना पड़ा। बीच में साइक्लोन मैंडूस के कारण सिर्फ दो दिन ही लोगों को दिन में सर्दी का ऐहसास हुआ, लेकिन रात को ठंड नहीं रही। प्रदेश के चार प्रमुख शहरों के दस साल के न्यूनतम तापमान पर नजर डालें, तो दिसंबर 2022 सबसे गर्म रहा। चारों प्रमुख शहरों में रात का पारा सबसे ज्यादा रहा। भोपाल और इंदौर में यह सबसे ज्यादा रहा। अब तक सबसे ज्यादा ठंड वाले जबलपुर-ग्वालियर में भी लोगों को ठंड इस बार कंपकंपा नहीं पाई।

भोपाल में दिसंबर 10 साल में दूसरा बार सबसे गर्म

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में दिसंबर में सर्दी सताने लगती है, लेकिन इस बार ठंड के तेवर अब तक सख्त नहीं हो पाए हैं। यह शुष्क महीना रहता है। बीते साल दिसंबर में 3.4 डिग्री सेल्सियस तक तापमान आ गया था, लेकिन इस बार तो यह 7 डिग्री के नीचे तक नहीं आ पाया। औसत अधिकतम तापमान 26.4 डिग्री सेल्सियस एवं अधिकतम औसत न्यूनतम तापमान 11.3 डिग्री सेल्सियस रहता है। माह की औसत वर्षा 10.5 मिलीमीटर है, लेकिन कभी कभी काफी मात्रा में वर्षा भी हो जाती है।

भोपाल में सुबह और रात के समय हल्की धुंध रह रही है।

प्रतिदिन प्रायः कोहरा छाया रहता है, जिससे दृश्यता कम होती है। इस माह में घने कोहरे के दिनों की औसत संख्या 0.5 होती है। रिकॉर्ड के आधार पर भोपाल में उच्चतम अधिकतम तापमान 11 दिसंबर 1941 को 32.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। 11 दिसंबर 1966 को निम्नतम न्यूनतम तापमान 3.1 डिग्री सेल्सियस सन 1997 में अधिकतम कुल मासिक वर्षा 137.2 मिलीमीटर और 11 दिसंबर 1967 में 24 घंटों में 66.3 मिलीमीटर है।

इंदौर में न्यूनतम तापमान 10 से नीचे नहीं आया

इंदौर में दिसंबर के महीने से सर्दी महसूस होने लगती है। यह वर्ष का अधिकतम शुष्क महीना रहता है। साल 2014 में सबसे कम तापमान 5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था। इस बार तापमान 10 डिग्री के नीचे नहीं आ पाया। इस माह में औसत अधिकतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस एवं औसत न्यूनतम तापमान 11.1 डिग्री सेल्सियस है। आकाश सामान्यतः बादल रहित होने की वजह से दिन अपेक्षाकृत हल्का गर्म किन्तु आरामदायक होते हैं।


माह की औसत वर्षा .4.4 मिलीमीटर है। लेकिन ऐसे भी कुछ अवसर आए हैं, जब काफी मात्रा में बारिश हुई है। प्रतिदिन प्रायः कोहरा छाया रहता है, जिससे दृश्यता कम होती है। इस माह में घने कोहरे के दिनों की औसत संख्या 0.9 होती है। रिकॉर्ड के आधार पर इंदौर में उच्चतम अधिकतम तापमान 31 दिसंबर 2015 को 33.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। 27 दिसंबर 1936 को निम्नतम न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस, सन 1967 में अधिकतम कुल मासिक वर्षा 108.5 मिलीमीटर और 17 दिसंबर 2009 में 24 घंटों में 53 मिलीमीटर हुई थी।

जबलपुर में दिसंबर 2019 के बाद सबसे गर्म

बीते सालों की तुलना में इस बार जबलपुर में भी न्यूनतम तापमान यानी सर्दी का ज्यादा ऐहसास नहीं रहा। साल 2019 में दिसंबर में सबसे कम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। दिसंबर में जबलपुर में औसत अधिकतम तापमान 25.7 डिग्री सेल्सियस एवं औसत न्यूनतम तापमान 10.8 डिग्री सेल्सियस रहता है। आकाश सामान्यतः बादल रहित होने की वजह से दिन अपेक्षाकृत हल्का गर्मी रहती है।


माह की औसत वर्षा 6.0 मिलीमीटर है। इस माह में घने कोहरे के दिनों की औसत संख्या 0.3 होती है। जबलपुर में शीतलहर रहती है। जबलपुर में उच्चतम अधिकतम तापमान 28 दिसम्बर 1960 को 33.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। 28 दिसंबर 1902 को निम्नतम न्यूनतम तापमान 0.6 डिग्री सेल्सियस, सन 1885 में अधिकतम कुल मासिक वर्षा 125.0 मिलीमीटर और 16 दिसंबर 1885 में 24 घंटों में 68.1 मिलीमीटर है।

ग्वालियर में दिसंबर 10 साल में दूसरी बार सबसे गर्म

ग्वालियर में प्रदेश की सबसे ज्यादा ठंड होती है। इसका असर दिसंबर में ही दिखाई देना लगता है। कभी-कभी तो पारा 2 डिग्री तक से नीचे आ जाता है, लेकिन इस बार सर्दी कपाने वाली नहीं हो सकी। इस बार यह 4 डिग्री तक ही आ सकता है। पिछले साल दिसंबर में ही 1.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। औसत अधिकतम तापमान 24.9 डिग्री सेल्सियस एवं औसत न्यूनतम तापमान 7.9 डिग्री सेल्सियस रहता है।


माह की औसत वर्षा 5.3 मिलीमीटर होती है। प्रतिदिन प्राय: कोहरा छाया रहता है, जिससे दृश्यता कम होती है। इस महीने में घने कोहरे के दिनों की औसत संख्या 1.2 होती है। रिकॉर्ड के आधार पर ग्वालियर में उच्चतम अधिकतम तापमान 6 दिसम्बर 2006 को 32.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। 26 दिसम्बर 1961 को निम्नतम न्यूनतम तापमान -0.4 डिग्री सेल्सियस, सन 1997 में अधिकतम कुल मासिक वर्षा 106.6 मिलीमीटर और 31 दिसंबर 2013 में 24 घंटों में 32.1 मिलीमीटर है


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