सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम तत्काल मौके पर पहुंची

निर्माणाधीन इमारत की छत गिरी: पेटलावद में बड़ा हादसा, दो की मौत, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

जितेश विश्वकर्मा कि रिपोर्ट

पेटलावद. मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के पेटलावद में एक निर्माणाधीन बिल्डिंग की छत गिरने से दर्दनाक हादसा हो गया। यह घटना पेटलावद के थांदला रोड पर घटित हुई, जहां एक निर्माणाधीन इमारत का निर्माण कार्य चल रहा था। अचानक छत गिरने से वहां काम कर रहे मजदूर मलबे में दब गए, जिससे मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

रेस्क्यू ऑपरेशन और घायल मजदूरों का उपचार

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम तत्काल मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। अब तक 5 मजदूरों को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है, जिन्हें एंबुलेंस से तत्काल सिविल अस्पताल भेजा गया। हालांकि, अस्पताल पहुंचने पर दो मजदूरों को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि तीन अन्य मजदूरों का इलाज जारी है। इन घायल मजदूरों की हालत गंभीर बताई जा रही है और डॉक्टरों की एक टीम उनका इलाज कर रही है।

मलबे में फंसे होने की आशंका

रेस्क्यू टीम का मानना है कि मलबे के नीचे और भी मजदूर दबे हो सकते हैं। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कुल कितने मजदूर इस हादसे की चपेट में आए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि घटना के वक्त वहां करीब 8 से 10 मजदूर काम कर रहे थे। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मलबे को हटाने के लिए जेसीबी और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है और लोगों की भीड़ भी जुटी हुई है, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में थोड़ी मुश्किलें आ रही हैं।

इलाज में लापरवाही का आरोप

अस्पताल में घायल मजदूरों के इलाज के दौरान मृतक मजदूरों के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि घायलों को समय पर उचित चिकित्सा नहीं मिल पाई, जिसके कारण दो मजदूरों की जान चली गई। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई और उचित कार्रवाई की मांग की। इस संबंध में अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उन्होंने सभी संभव प्रयास किए, लेकिन घायलों की हालत बेहद गंभीर थी।

हादसे के कारणों की जांच जारी

प्रशासन ने इस हादसे की जांच के लिए एक टीम गठित कर दी है, जो घटना के कारणों का पता लगाएगी। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई थी। छत की मजबूती और निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं। संभावना है कि ठेकेदार द्वारा नियमों का उल्लंघन किया गया हो, जिसके चलते यह हादसा हुआ। प्रशासन ने ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों से पूछताछ शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

स्थानीय लोगों में आक्रोश और प्रशासन की अनियमितताएं

हादसे के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। उनका कहना है कि यदि निर्माण कार्य में सुरक्षा मानकों का पालन किया गया होता, तो यह घटना नहीं होती। लोगों का आरोप है कि ठेकेदार और स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से अनियमितताएं होती हैं, जिससे मजदूरों की सुरक्षा पर खतरा मंडराता है।

प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि वे रेस्क्यू ऑपरेशन को जल्द से जल्द पूरा करें और मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालें। इसके साथ ही हादसे के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

आवश्यक कदम और भविष्य में न हो इस प्रकार के हादसे

इस हादसे ने एक बार फिर से निर्माण स्थलों पर मजदूरों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन और ठेकेदारों को चाहिए कि वे निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करें। मजदूरों के लिए हेलमेट, सेफ्टी बेल्ट, सेफ्टी जूते आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और नियमित रूप से निरीक्षण हो। साथ ही, मजदूरों को सुरक्षित काम करने का प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए।

पेटलावद की इस घटना ने न सिर्फ मजदूरों के परिवारों को गहरा आघात पहुंचाया है, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी हिला दिया है। प्रशासन के लिए यह एक सबक है कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी से कितनी बड़ी त्रासदी हो सकती है। इस हादसे की जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई से ही पीड़ित परिवारों को न्याय मिल सकता है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाना बेहद जरूरी है।

Dr.Talera's Multi-speciality Dental Clinic, 




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