झाबुआ जिला पंचायत के वार्ड क्रमांक 9 के जिला सदस्य के लिए उपचुनाव में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार काली वसुनिया जीती
थांदला. आगामी दिनों में ही विधानसभा 2023 के चुनाव प्रदेश में होना है दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों ने चुनावी रणनीति अपने अपने स्तर से शुरु कर दी है।
देखने में भाजपा उपर से एकजुट है, लेकिन अंदर में आपसी फुट है। वही झाबुआ जिले में भाजपा के लिए विधानसभा चुनाव जितना आसान नजर नहीं आ रहा है। जिसका परिणाम कांग्रेस की जीत का आज शनिवार को जिला पंचायत वार्ड क्रमांक 9 में स्पष्ट देखा गया है।
सत्ता में बैठकर जब नेता, कार्यकर्ता आम जनता की तकलीफों को अनदेखा करना शुरू करें तो सत्ता की जमीन खिसकने लगती है। सत्ता पक्ष के नेतागण ऊपर से सीताफल की तरह एक दिखाई देते हैं लेकिन अंदर से बिखराव की स्थिति दिखाई देती है। जिसका नतीजा चुनाव परिणामों में देखने को मिलता है। इसी तरह भारतीय जनता पार्टी के लिए आगामी विधानसभा चुनाव में क्या हालत होनी है इसका अंदाजा अभी से जिला पंचायत वार्ड क्रमांक 9 में हुई हार के बाद से लगाया जा सकता है।
स्थानीय संगठन पदाधिकारियों की भूमिका पर अनेक सवाल
थांदला विधानसभा में प्रदेश व जिले के स्थानीय संगठन पदाधिकारियों की भूमिका पर अनेक सवाल खड़े होते है।
जिला पंचायत के वार्ड क्रमांक 9 में भाजपा को बुरी तरह हार का मुंह देखना पड़ा है। मतदान के पूर्व प्रदेश सरकार ने लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत महिलाओं के खाते में ₹1000 डाले एवं थांदला विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की अनुसूचित जनजाति के प्रदेश अध्यक्ष सहित प्रदेशमंत्री, जिला महामंत्री, जिले के तीन उपाध्यक्ष, प्रदेश कार्यकारिणी भाजपा के सदस्य, युवा मोर्चा के जिला मंत्री, युवा मोर्चा के मंत्री एवं जियोस सदस्य इनमें सर्वाधिक नेतागण थांदला विधानसभा के है जिन्होंने पुरी भाजपा सरकार के साथ चुनाव लड़ा बावजूद इसके भाजपा की हार क्यो हुई यह विचारणीय है ?
अपना अपना वर्चस्व बढ़ाने में लगे है नेतागण आम जनता परेशान
नेतागण पार्टी संगठन के पद पर बैठकर अपनी अपनी राजनैतिक दुकानदारी चला रहे है। आम जनता की तकलीफों को नजर अंदाज किया जा रहा है।
जिले में आधार कार्ड संशोधन करवाने के लिए गरीब, लाचार, बेबस आम जनता को घंटो लाइन में खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है जब नंबर आता है कागज़ की खानापूर्ति नही होने से उसे पुनः भीड़ भरी लम्बी लाइन में खड़ा होना पड़ता है कारण सम्पूर्ण जिले में सिमित मात्रा मे आधार कार्ड सेंटर है। ठीक ऐसी हि स्थति लोकसेवा में भी है मूल निवासी प्रमाण पत्रों में सही नाम देने के बावजूद भी जल्दबाजी में मात्रा एवं अक्षरों के बदल जाने से नागरिकों एवं विद्यार्थियों को पुनः संशोधन हेतु अपना समय व्यर्थ गवाना पड़ता है। किसानों को अपनी जमीन का नामांतरण, बटवारा के लिए बार बार चक्कर लगाना पड़ता है। किसानो को उनकी उपज का सही दाम नही मिल रहा है कागज़ पर ही मंडी में दुकाने लग रही है। अन्य विभागो में भी बिना किसी आदान प्रदान के कोई कार्य नही हो रहा है। जागरूक जनता को सीएम हेल्पलाइन का सहरा लेना पड़ रहा है।
नेतागण अपना अपना वर्चस्व बढ़ाने में लगे है। अधिकारी, कर्मचारीगण आम जनता की तकलीफों को नजर अंदाज कर शासन को गुमराह कर रहे है।
अब आम कार्यकर्ता लगता है भाजपा से किनारा कर रहा है। पिछले दिनों में ही भाजपा के दर्जनों कार्यकर्ता भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे।
झाबुआ के जिला पंचायत के वार्ड क्रमांक 9 के जिला सदस्य के लिए उपचुनाव में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार काली वसुनिया की अपनी जीत दर्ज होने से कांग्रेस खेमे में उत्साह का संचार हुआ है जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह जीत कार्यकर्ताओं की जीत है जिन्होंने 64 बूथों पर निष्ठा पूर्वक कार्य किया है व क्षेत्र की जनता को कांग्रेस पार्टी की रीति नीतियों व भाजपा के क्रियाकलापों से अवगत करा कर पार्टी की उम्मीदवार को विजय बनाने में अपनी महती भूमिका का निर्वाह किया है।


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