समय, शक्ति, संपत्ति, कभी टिकते नही है ये टेम्परेरी आये है इसलिए इनका सदुपयोग करो



जो समेटा जा रहा है वो सपना हैं और जो लुटाया जा रहा है वो ही अपना है - पूज्य गुरुदेव श्री गुलाबमुनिजी म.सा.


हार्ट अटेक किसे आता है ? उत्तर है-  जिसके दिल मे उदारता नही होती है। जरूरतमंद जीवो को देखकर यदि तुम्हारे मन मे करुणा नही आई, सहानुभूति नही आई तो समझो बड़ा हार्ट अटैक आने वाला है। 

जो समेटा जा रहा है वो सपना है और जो लुटाया जा रहा है वो ही अपना है।
उक्त विचार संयम सुमेरु परम् पूज्य गुरुदेव श्री गुलाबमुनिजी महाराज साहब ने करही के अणु नगर स्थित स्थानक भवन में व्यक्त किये। गुरुदेव ने फरमाया की 

धन खाद के समान होता है। खाद को यदि भूमि पर एक जगह पटक दिया जाता है तो वह सड़ जाता है और उसे ही पूरी भूमि पर फैला दिया जाता है तो उसके बहुत फायदे है वैसे ही धन संग्रहण करोगे तो सड़ जाएगा कोई काम नही आएगा और जरूरतमन्दो को बाँट दोगे तो अनंत फायदा मिलेगा, वह पूण्य भी बढ़ाएगा। जो दान दिया है सिर्फ वही तुम्हारा है क्योकि जो बोओगे तो ही तो पाओगे न। 

यदि आप चाहते हो कि दुनिया आपको "याद" करे तो "दया" करो और यदि आप "लाभ" चाहते हो तो "भला" करे।
 
समय, शक्ति, संपत्ति, कभी टिकते नही है ये टेम्परेरी आये है इसलिए इनका सदुपयोग करो, क्योकि आप यदि किसी की रुदन सुनोगे तो ही तुम्हारी भी सुनी जाएगी। और क्या करोगे खूब धन दौलत का, एक कहावत है कि 

दौड़ दौड़ कमाए डोकरो, न बैठो बैठो खाये छोकरो
 
पानी आने से पहले पाल बांध लो और मौत आने से पहले सावधान हो जाओ। अप्राप्त को प्राप्त करने के लिए जीव न जाने कितना पाप करता है, अशांति से रहता है और ये सब किसके लिए, अपने आने वाली पीढ़ी और संतान के लिए। सोचो जितने पाप तुमने औरो के लिए किये और तुम्हारी मृत्यु के बाद पाप के उदय से तुम तिर्यंच ( गाय, भेस, घोड़ा ) में जन्म लेकर तुम्हारी संतान के पास जाओगे तो क्या वह तुम्हे पहचान लेगी, बिल्कुल नही। अरे वही संतान जिसके लिए तुमने अनंत पाप करके खूब धन इकट्ठा किया वो ही तुम्हे लकड़ी मार मार कर भगा देगी। तो क्या काम का तुम्हारा धन, हा तुम्हारा पाप जरूर काम आया जिस कारण तुम तिर्यंच बने। 

जैन धर्म जबरजस्त है, लेकिन जबरजस्ती नही है। 

दुनिया मे स्वयं के कर्मो का भुगतान स्वयं को ही करना पड़ेगा। तुम्हारे पाप में कोई रिश्तेदार या सगा संबंधी हिस्सेदार नही होगा।

जब कर्म उदय में आएंगे तो वेदना तुम्हे ही भोगनी पड़ेगी, तेरा टेंडर खुला है तो तुझे ही भुगतान करना पड़ेगा। होनी कभी टलती नही और अनहोनी कभी होती नही। इसलिए पाप कर्मों को करने से डरो और पूण्य व धर्म कार्य मे विलम्ब न करो तो यहाँ भी आनंद और वहां भी आनंद।

उक्त प्रवचन प्रखर वक्ता, प्रवचन प्रभावक, संयम सुमेरु, जन-जन की आस्था के केंद्र  परम् पूज्य गुरुदेव श्री गुलाब मुनि जी महाराज साहब के करही के सफलतम चातुर्मास 2022 के प्रवचनों से साभार

संकलंकर्ता:-✍🏻विशाल बागमार - 9993048551
डा. निधि जैन - 9425373110

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