जो धैर्यवान, उसका भविष्य सुरक्षित
😷😷😷😷😷😷😷😷😷😷😷😷
संकलनकर्ता :- विनय बोथरा एवं स्वाध्यायी डा. निधि जैन
*बागली*
धर्मदास संप्रदाय के प्रवचन प्रभावक, संयमसुमेरु, जन-जन की आस्था के केंद्र, प्रखर वक्ता, आगम एवं कर्म सिद्धांत के ज्ञाता परम् पूज्य गुरुदेव श्री गुलाबमुनिजी म.सा.ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए फरमाया कि जो धैर्यवान है उसका भविष्य सुरक्षित है। तप आराधना और नियमित स्वाध्याय से बुरे कर्मों का नाश होता है। मनुष्य सत्मार्ग पर चलने लग जाता है। एक बार जिसने स्वाध्याय का महत्व समझ लिया, उसका जन्म सार्थक हो गया । पुण्य के उदय से मानव भव मिला उसे फ़िज़ूल बर्बाद न कर जीवन को सफल बनाएं।
परम पूज्य कैलाश मुनिजी म.सा. ने कहा कि मनुष्य को जीवन में शांति, मरण में समाधि, परलोक में सद्गति और परम्पर से मोक्ष गति के लिए तीन बातों का ध्यान रखना चाहिए। स्वभाव को सुधारों, सद्भाव को बढ़ाओ, और समभाव में रहो। मुनिश्री ने स्वभाव में परिवर्तन के उपाय बताते हुए कहा कि प्रतिदिन ध्यान और प्रतिक्रमण करने से मन मजबूत और विचार स्थिर होने लगते हैं।
उक्त बातें पूज्य गुरुदेव के प्रवचन अंश से ली गयी है, भूलवश जिन आज्ञा विरुद्ध कुछ लिखा हो तो मिच्छामि दुक्कड़म।🙏🙏🙏
सुश्रावक पंकज डाकोलिया आदि संघ जनो ने पूज्य गुरुदेव से बड़वाह श्रीसंघ की ओर से मंगल प्रवेश एवं धर्म लाभ देने की विनती की।
😷😷😷😷😷😷😷😷😷😷😷😷
0 टिप्पणियाँ