पेटलावद में साध्वी रेणुका जी का तप पर प्रेरणादायक प्रवचन: "कर्मों को धोने का सर्वोत्तम उपाय है तपस्या"
सम्यक दृष्टि
पेटलावद. नगर पेटलावद की पावन धरती पर आध्यात्मिक वातावरण और धार्मिक उल्लास के साथ तपस्वी नव किशोरी सुहानी आशीष मेहता के वर्षित तप (27 उपवास) की पूर्णता पर भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर साध्वी श्री रेणुका जी महाराज साहब ने अपने आशीर्वचनों में तपस्या के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, "कर्म धोने का उत्तम साधन तपस्या है" उन्होंने बताया कि तप का उद्देश्य केवल आत्म-संयम नहीं, बल्कि कर्मों की निर्जरा और क्षय है।
साध्वीश्री ने अपने प्रवचन में जीवन के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए कहा, "स्वयं के नाथ स्वयं बनो, ऐसा करने से न तो स्वयं से कोई शिकायत रहेगी और न ही किसी के सामने गिड़गिड़ाना पड़ेगा।" उन्होंने यह भी कहा कि मनुष्य जन्म दुर्लभ है, और अब समय है कि आत्मा को पहचान कर कर्मों का क्षय करते हुए इस जीवन को सार्थक बनाया जाए।
तपस्वी का हुआ भव्य सम्मानतपस्वी सुहानी आशीष मेहता को राजेंद्र कुमार पटवा द्वारा 27 उपवास की बोली लगाकर सम्मानित किया गया। महावीर समिति मंदिर मार्गिय समाज की ओर से भी सुहानी का भावपूर्ण सम्मान किया गया। समारोह में नगर के अनेक प्रतिष्ठित जनों और संगठनों ने भी तपस्वी को शुभकामनाएँ एवं आशीर्वाद प्रदान किया।
विशेष रूप से, तपस्वी सुहानी के सम्मान में नगर में विशाल शोभायात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें समाज के सभी वर्गों के लोग, बालक-बालिकाएं, महिला मंडल एवं युवक मंडल शामिल हुए। यह शोभायात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए एक भव्य धर्मसभा में परिवर्तित हो गई।
श्री संघ द्वारा थैरेपिस्ट का सम्मान
समारोह में थैरेपिस्ट आशीष बाविस्कर को भी साधु-साध्वियों की विशेष सेवा के लिए श्री संघ द्वारा सम्मानित किया गया। यह सम्मान समर्पण और सेवा की भावना को उजागर करता है, जिससे प्रेरित होकर समाज के अन्य सेवाभावी भी आगे आएँगे।
विशेष आयोजन और अतिथियों की उपस्थिति
श्रीमती शांता देवी हेमराज जी मेहता परिवार द्वारा उनके निजी गार्डन में ‘24 का आयोजन’ भी रखा गया, जहाँ तपस्वी को मंगल आशीर्वाद दिए गए।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया, जनपद अध्यक्ष रमेश सोलंकी अपने साथियों सहित विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि युवा पीढ़ी में ऐसा संयम, संकल्प और आध्यात्मिक जागृति समाज के लिए एक प्रेरणा है।
धर्मसभा में मंगल पाठ और पदाधिकारियों की सहभागिता
तपस्वी सुहानी और उपस्थित धर्मसभा को गौरव पूज्य अनुपम शीला जी ने मंगल पाठ सुनाया, जिससे संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया। इस दौरान समाज के सभी प्रमुख पदाधिकारी – कार्यवाहक अध्यक्ष मणिलाल चाणोदिया, उपाध्यक्ष महेंद्र कटकानी, कोषाध्यक्ष विमल मोदी, पूर्व अध्यक्ष एवं तपस्वी के दादा अनोखी लाल मेहता, नरेंद्र कटकानी, जितेंद्र मेहता, नीरज जैन, नरेंद्र मोदी, महावीर समिति के विजय भंडारी, चेतन कटकानी, मंदिर मार्गिय समाज से मनोज वोहरा एवं अन्य अनेक मंडलों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संपूर्ण संचालन राजेंद्र कटकानी ने कुशलता पूर्वक किया। कार्यक्रम की व्यवस्था और आयोजन की भूरि-भूरि सराहना समाजजन एवं आगंतुकों द्वारा की गई।
संदेश: तप और संयम से ही संभव है आत्मा की शुद्धि
साध्वी रेणुका जी ने समारोह के समापन पर कहा कि आज के युग में जब भौतिकवाद अपने चरम पर है, ऐसे में आत्म-संयम, तप और आत्मा की पहचान अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि तप आत्मा का गहना है और यह आत्मा को कर्मों से मुक्त करने का महान उपाय है।
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